मारवाड़ी लोकोक्तियां 12
आप मिलै सो दूध बराबर, मांग मिलै सो पाणी। शब्दार्थ:- जो स्वयं बिना मांगे मिले वह दूध के समान होता है और जो मांगने से मिले वह पानी के समान होता है। भावार्थ :- जो श्रम से अथवा सम्मान से अर्जित किया जाता है वो सुखद एवं कीर्ति बढ़ने वाला होता है और जो मांग कर,हट्ट करके लिया जाये निस्तेज और कमतर होता है। कनै कोडी कोनी, नाम किरोड़ीमल। शब्दार्थ:- स्वयं के पास में कौड़ी नहीं है लेकिन ऐसे व्यक्ति का नाम करोड़ीमल है। भावार्थ :- नाम या ख्याति के अनुरूप किसी के पास धन वैभव ना हो अथवा किसी जगह /वस्तु में नाम के अनुसार गुण न हो। आम फळे नीचो तुळै,अेरंड अकासां जाय। शब्दार्थ:-आम फलता है तो नीचे झुकता है, ऐरंड आकाश की ओर जाता है। भावार्थ :-धीर-गंभीर व्यक्तित्व वाले आदमी संपत्ति या प्रभुता पाकर नम्र हो जाते हैं जबकि छिछले और उच्छृंकल व्यक्तित्व वाले आदमी इतराने लगते हैं। नागा रो लाय में कांई बळै ? शब्दार्थ:-अगर कहीं आग लग जाये तो उदण्ड/स्वछन्द व्यक्ति का (यहाँ ऐसा अर्थ की जिस का हानि-लाभ में कुछ भी हिस्सा न हो ) उस आग में क्या जल जायेगा ? भावार्थ :- ऐसे व्यक्ति की किसी निहित कार्य में क्या हान