जायफल एक सदाबहार वृक्ष है। इससे दो मसाले प्राप्त होते हैं। जायफल तथा जावित्री यह चीन, ताइवान, मलेशिया, ग्रेनाडा, केरल, श्रीलंका और दक्षिण अमेरिका में खूब पैदा होता है।
यह इंडोनेशिया के मोलूकास (moluccas) द्वीप का देशज है।
हिंदी= जायफल
वानस्पतिक नाम= Myristica fragrans
अंग्रेजी= Nutmeg
संस्कृत= जाति फल

मिरिस्टिका नामक वृक्ष से जायफल तथा जावित्री प्राप्त होती है। मिरिस्टिका की अनेक प्रजातियां है, परंतु व्यापारिक जायफल अधिकांश मिरिस्टिका फ्रेग्रैंस से ही प्राप्त होता है।
मिरिस्टिका प्रजाति की लगभग 80 प्रजातियां है, जो भारत, आस्ट्रेलिया तथा प्रशांत महासागर के द्वीपों में उपलब्ध है।
यह पृथग्लिंगी (dioecious) वृक्ष है। इसके पुष्प छोटे गुच्छेदार तथा कक्षस्थ (axillary) होते हैं।

मिरिस्टिका वृक्ष के बीज को जायफल कहते हैं। यह बीज चारों ओर से बीजोपांग (aril) द्वारा ढ़ंका रहता है।
यही बीजोपांग व्यापारिक महत्व का पदार्थ जावित्री है।
इस वृक्ष का फल छोटी न्नाशपाती के रूप का एक इंच से डेढ़ इंच तक लंबा हल्के लाल या पीले रंग का गूद्देदार होता है।
परिपक्व होने पर फल दो खंडों में फट जाता है, और भीतर सिंदूरी रंग का बीजोपांग या जावित्री दिखाई देने लगती है। जावित्री के भीतर गुठली होती है। जिसके काष्ठवत खोल को तोड़ने पर भीतर जायफल (nutmeg) प्राप्त होता है। जायफल तथा जावित्री व्यापार के लिए मुख्यतः पूर्वी वेस्टइंडीज से प्राप्त होता है।
यह इंडोनेशिया के मोलूकास (moluccas) द्वीप का देशज है।
हिंदी= जायफल
वानस्पतिक नाम= Myristica fragrans
अंग्रेजी= Nutmeg
संस्कृत= जाति फल
मिरिस्टिका नामक वृक्ष से जायफल तथा जावित्री प्राप्त होती है। मिरिस्टिका की अनेक प्रजातियां है, परंतु व्यापारिक जायफल अधिकांश मिरिस्टिका फ्रेग्रैंस से ही प्राप्त होता है।
मिरिस्टिका प्रजाति की लगभग 80 प्रजातियां है, जो भारत, आस्ट्रेलिया तथा प्रशांत महासागर के द्वीपों में उपलब्ध है।
यह पृथग्लिंगी (dioecious) वृक्ष है। इसके पुष्प छोटे गुच्छेदार तथा कक्षस्थ (axillary) होते हैं।
मिरिस्टिका वृक्ष के बीज को जायफल कहते हैं। यह बीज चारों ओर से बीजोपांग (aril) द्वारा ढ़ंका रहता है।
यही बीजोपांग व्यापारिक महत्व का पदार्थ जावित्री है।
इस वृक्ष का फल छोटी न्नाशपाती के रूप का एक इंच से डेढ़ इंच तक लंबा हल्के लाल या पीले रंग का गूद्देदार होता है।
परिपक्व होने पर फल दो खंडों में फट जाता है, और भीतर सिंदूरी रंग का बीजोपांग या जावित्री दिखाई देने लगती है। जावित्री के भीतर गुठली होती है। जिसके काष्ठवत खोल को तोड़ने पर भीतर जायफल (nutmeg) प्राप्त होता है। जायफल तथा जावित्री व्यापार के लिए मुख्यतः पूर्वी वेस्टइंडीज से प्राप्त होता है।
जायफल के 25 फायदे हम नीचे दे रहे हैं। जिन्हें आप आजमा कर अपने आप को स्वस्थ कर सकते हैं।
1 दस्त व मुहांसों के लिए
जायफल घिसकर उस पानी का सेवन करें व नाभि पर लेप लगाने से दस्त आने बंद हो जाते हैं। मुंहासे होने पर जायफल को दूध में घिसकर चेहरे पर लेप लगाने से मुंहासे समाप्त हो जाते हैं।
2 पाचन तंत्र के लिए
आमाशय के लिए उत्तेजक होने से आमाशय में पाचक रस बढ़ता है, जिससे भूख लगती है और आंतों में पहुंचकर वहां की गैस हटाता है।
3 शिशु के लिए
शिशु का दूध छुड़ाकर ऊपर का दूध पिलाने पर यदि दूध पचता न हो तो दूध में आधा पानी मिलाकर इसमें एक जायफल डालकर उबालें इस दूध को थोड़ा ठंडा करके गुनगुना चम्मच या कटोरी से शिशु को पिलाएं यह दूध शिशु को हजम हो जाएगा।
4 पेट दर्द के लिए
पेट में दर्द हो तो जायफल के तेल की दो-तीन बूंद एक पतासे में टपका कर खा ले जल्द ही आराम आ जाएगा। या चार से पांच बूंद जायफल का तेल चीनी के साथ लेने से आराम मिलता है।
5 दांत दर्द
दांत में दर्द होने पर जायफल का तेल रुई पर लगाकर दर्द वाले दांत या दाढ़ पर रखें दर्द तुरंत ठीक हो जाएगा अगर दांत में कीड़े लगे हैं तो वह भी मर जाएंगे।
6 मुंह के छाले
जायफल को पानी में पकाकर उस पानी से गरारे करें। मुंह के छाले ठीक होंगे गले की सूजन भी जाती रहेगी।
7 अनिद्रा के लिए
अनिद्रा का स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है और इसका त्वचा पर भी दुष्प्रभाव पड़ता है। त्वचा को तरोताजा रखने के लिए भी जायफल का इस्तेमाल किया जा सकता है। इसके लिए आपको रोजाना जायफल का लेप अपनी त्वचा पर लगाना होगा, इससे अनिद्रा की शिकायत भी दूर होगी और त्वचा भी तरोताजा रहेगी।
8 बार-बार लघुशंका जाने की समस्या के लिए
किसी को अगर बार बार पेशाब जाना पड़ता है तो उसे जायफल और सफेद मुसली 2 ग्राम की मात्रा में मिलाकर पानी से लें यह दिन में एक बार खाली पेट 10 दिन लगातार ले फायदा मिलेगा।
9 बच्चों की सुरक्षा के लिए
बच्चों को सर्दी जुकाम हो जाए तो जायफल का चूर्ण और सोंठ का चूर्ण बराबर मात्रा में लीजिए फिर तीन चुटकी इस मिश्रण को गाय के घी में मिलाकर बच्चे को सुबह-शाम चटायें।
10 आंखों के नीचे से काला घेरा मिटाने के लिए
आंखों के नीचे काले घेरे हटाने के लिए रात को सोते समय रोजाना जायफल का लेप लगाएं और सूखने पर इसे धो ले कुछ दिन ऐसा करने पर काले घेरे हट जाएंगे।
11 चेहरे की झाइयां के लिए
चेहरे पर या फिर त्वचा पर पड़ी झाइयों को हटाने के लिए आपको जायफल को पानी के साथ पत्थर पर घिसना है, घिसने के बाद इसका लेप बना लें और इस लेप को झाइयों पर इस्तेमाल करें इससे आपकी त्वचा में निखार भी आएगा और झाइयों से भी छुटकारा मिलेगी।
12 चेहरे की झुर्रियों के लिए
चेहरे की झुर्रियां मिटाने के लिए आप जायफल को बारीक पीसकर उसका लेप बनाकर झुर्रियों पर एक महीने तक लगाएंगे तो आपको जल्द ही झुर्रियों से निजात मिलेगी।
13 मुहांसों के लिए
जायफल, काली मिर्च और लाल चंदन को बराबर मात्रा में लेकर पीसकर चेहरे पर लगाने से चेहरे की चमक बढ़ती है और मुंहासे खत्म हो जाते हैं।
14 घांवों के निशान के लिए
कई बार त्वचा पर कुछ चोट के निशान रह जाते हैं, तो कई बार त्वचा पर नील और इसी तरह के निशान पड़ जाते हैं। इसके लिए जायफल में सरसों का तेल मिलाकर मालिश करें जहां भी आपकी त्वचा पर पुराने निशान है रोजाना मालिश से कुछ ही दिनों में हल्के होने लगेंगे जायफल की मालिश से रक्त का संचार भी होगा और शरीर में चुस्ती-फुर्ती भी बनी रहेगी।
15 आंखों की रोशनी के लिए
जायफल को थोड़ा सा घिस कर काजल की तरह आंखों में लगाने से आंखों की ज्योति बढ़ जाती है। और आंखें आंख की खुजली और धुंधलापन खत्म हो जाता है।
16 जी घबराना या जी मचलना
जी मचलने की बीमारी में जायफल को थोड़ा सा घिसकर पानी में मिलाकर पीने से जी घबराना बंद हो जाता है
17 धातुवर्धी के लिए
जायफल के चूर्ण को शहद के साथ खाने से वीर्य मजबूत होता है पेट भी ठीक रहता है
18 फटी एड़ियों के लिए
फटी एड़ियों के लिए जायफल महीन पीस कर फटी जगह (बिवाईयों) मैं भर दीजिए। 12 से 15 दिनों में ही पैर भर जाएंगे।
19 प्रसव के बाद कमर दर्द के लिए
प्रसव के बाद अगर कमर दर्द खत्म नहीं हो रहा है तो जायफल पानी में घिसकर कमर पर सुबह-शाम लगाएं एक सप्ताह में ही दर्द गायब हो जाएगा।
20 लकवा वाले अंगों के लिए
लकवा का प्रकोप जिन अंगों पर हो उन अंगों पर जायफल को पानी में घिसकर रोज लेप करना चाहिए दो माह तक ऐसा करने से अंगों में जान आ जाने की संभावना देखी गई है।
21 सर्दी खांसी के लिए
सुबह-सुबह खाली पेट आधा चम्मच जायफल चाटने से गैस्ट्रिक, सर्दी-खांसी की समस्या नहीं सताती है।
22 सर्दी के लिए
सर्दी के मौसम के दुष्प्रभाव से बचने के लिए जायफल को थोड़ा सा खुरचिये चुटकी भर कतरन को मुंह में रखकर चूसते रहिए। यह काम आप पूरे जाड़े भर एक या दो दिन अंतराल पर करते रहिए। यह शरीर की स्वाभाविक गर्मी की रक्षा करता है इसलिए ठंड के मौसम में इसे जरूर प्रयोग करना चाहिए।
23 सिर दर्द के लिए
सिर में बहुत तेज दर्द हो रहा हो तो बस जायफल को पानी में घिसकर लगाएं आराम मिलेगा।
24 दस्त लगने पर
दस्त आ रहे हो या पेट दर्द का कर रहा हो, तो जायफल को भून लीजिए और उसके चार हिस्से कर लीजिए एक हिस्सा चूस कर खाने से फायदा मिलेगा सुबह-शाम एक एक हिस्सा खिलाएं।
25 भूख बढ़ाने के लिए
आपको किन्ही कारणों से भूख नहीं लग रही हो तो चुटकी भर जायफल की कतरन चूसिये इससे पाचन रसों की वृद्धि होगी और भूख बढ़ेगी, भोजन भी अच्छे तरीके से पचेगा।
जायफल के नुकसान
जायफल का अधिक मात्रा में उपयोग हानिकारक होता है। अगर आप इसका अधिक मात्रा में सेवन करते हैं तो घबराहट, नसों की कमजोरी, हाइपोथर्मिया, चक्कर आना, जी घबराना और उल्टी जैसी समस्या हो सकती है।
जायफल का उपयोग काफी सुरक्षित है। मगर डॉक्टर की है सलाह जरूर लें।
जायफल का अधिक मात्रा में उपयोग हानिकारक होता है। अगर आप इसका अधिक मात्रा में सेवन करते हैं तो घबराहट, नसों की कमजोरी, हाइपोथर्मिया, चक्कर आना, जी घबराना और उल्टी जैसी समस्या हो सकती है।
जायफल का उपयोग काफी सुरक्षित है। मगर डॉक्टर की है सलाह जरूर लें।
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