गुरु पूर्णिमा पर विशेष जरूर पढ़ें

प्रार्थना गुरूर्ब्रह्मा गुरूर्विष्णु: गुरूर्देवो महेश्वर:। गुरूर्साक्षात्परब्रह्म तस्मै श्रीगुरवे नमः॥ ध्यानमूलं गुरोर्मूर्ति: पूजामूलं गुरो: पदम्। मंत्रमूलं गुरोर्वाक्यं मोक्षमूलं गुरो: कृपा॥ अखण्डमण्डलाकारं व्याप्तं येन चराचरम्। तत्पदं दर्शितं येन तस्मै श्रीगुरवे नमः॥ त्वमेव माता च पिता त्वमेव त्वमेव बंधुश्च सखा त्वमेव। त्वमेव विद्या द्रविणं त्वमेव त्वमेव सर्वं मम देव देव॥ ब्रह्मान्नदं परमसुखदं केवलं ज्ञानमूर्तिं। द्वन्द्वातीतं गगनसदृशं तत्वमस्यादिलक्ष्यम्॥ एकं नित्यं विमलमचलं सर्वधीसाक्षिभूतं। भावातीतं त्रिगुणरहितं सदगुरूं तं नमामि॥ जाने डिजिटल के बारे में अक्सर बाबा ऐसा कहते आए हैं कि गुरु बिन घोर अंधेरा है । गुरु के बगैर कुछ भी नहीं है मोक्ष नहीं है यह नहीं है वह नहीं है ऐसा बोल कर चैलियां बनाते हैं तो उन के चक्कर में ना आए आपको यही करना चाहिए कि अपने पति के साथ में गुरु बनाएं अकेली गुरु के पास कभी न जाए अपने पति के साथ में जाएं या अपने पति को बोलें और पति