दश प्रकार की नौ नौ बातें मानने की और छोड़ने की
1)नौ बातें उन्नति में बाधक है इसलिए उनका त्याग करना चाहिए
1 चुगली या निंदा
2 परसत्री-सेवन
3 क्रोध
4 दूसरों का बुरा करना
5 दूसरे का अप्रिय करना
6 झूठ
7 द्वेष
8 दम्भ
9 जाल रचना
इनके त्यागने से किसी भी दुख का सामना नहीं करना पड़ता क्योंकि जो दुख के रास्ते थे उन सब को बंद कर दिया।
(2) नौ बातें हमेशा गुप्त रखनी चाहिए
1 जन्म-नक्षत्र
2 मैथुन
3 गुरु मंत्र
4 घरके छिद्र
5 वञ्चना
6 आयु
7 धन
8 अपमान
9 स्त्री
इनके प्रकाश करनेसे अनेकों प्रकार की हानियाँ होती है।
(3) नौ बातें गृहस्थ को प्रकाश करनी चाहिए
1 छिपकर किया हुआ पाप
2 निष्कलंककता
3 ऋणदान
4 ऋणशोधन
5 उत्तम वंश
6 खरीद
7 बिक्री
8 कन्यादान
9 गुण-गौरव
यह बातें प्रकाश करने से उन्नति होती है।
(4) नौ जनों को ग्रहस्थ को जरूर दान देना चाहिए
1 माता
2 पिता
3 गुरू
4 दिन
5 अनाथ
6 उपकार करने वाला
7 सत्पात्र
8 मित्र
9 विनयशील
यह दान अनंत फलदाई होता है
(5) नौ आदमियों को दान नहीं देना चाहिए
1 खुशामदी
2 स्तुति करनेवाला
3 चोर
4 कुवैघ
5 व्यभिचारी
6 धूर्त
7 शठ
8 कुश्ती का पैसा करने वाला
9 अपराधी
इनको दान देने से कोई फल नहीं मिलता
(6) नौ वस्तुओं को किसी हाल में विपत्ति पड़ने पर भी नहीं देना चाहिए
1 संतान के रहते सर्वस्व-दान
2 पत्नी
3 शरणागत
4 दूसरे की रखी हुई चीज
5 बंधक रखी हुई चीज
6 कुलकी वृत्ति
7 आगे के लिए रखी हुई चीज
8 स्त्री-धन
9 पुत्र
इनके देनेपर प्रायश्चित किए बिना सुध्दि नहीं होती।
( 7) यह नौ धर्मरूप है
1 सत्य
2 शौक
3 अहिंसा
4 क्षमा
5 दान
6 दया
7 मन का निगृह
8 अस्तेय
9 इंद्रियोंका निगृह
इनके पालनसे अत्यंत पारमार्थिक लाभ होता है।
(8) किसी व्यक्ति के घर आने पर नो अमृत खर्च करें
1 मीठे वचन
(मीठे वचनों से उनका आदर सत्कार करना चाहिए)
2 सौम्य दृष्टि
(उनको अच्छी निगाहों से देखना चाहिए)
3 सौम्य मुख
(अच्छी वाणी से उनका आदर सत्कार करें)
4 सौम्य मन,
(अपने विचारों को उनके प्रति साफ-सुथरा रख मन से आदर सत्कार करें)
5 खड़े होना
(उनका आगमन होते ही खड़े हो जाय)
6 स्वागत पूछना
(किसी भी व्यक्ति के आने पर उनका स्वागत करना)
7 प्रेम से बातचीत करना
8 अपने पास बैठाना
9 जाते समय उनके पीछे पीछे जाना
इससे गृहस्थीकी उन्नति होती है।
(9) दूसरों को बहुत कम खर्च की नौ वस्तुएं गृहस्थ को जरूर देनी चाहिए
1 आसन
2 पैर धोने को जल
3 यथाशक्ति भोजन
4 जमिन
5 बिछौना
6 घास
7 पीने को जल
8 तेल
9 दीपक
इससे ग्रहस्थकी अभीष्टसिद्धि होती है।
(10) नौ काम ग्रहस्थोंको रोज अवश्य करने चाहिए
1 स्नान
2 संध्या
3 जप
4 होम
5 स्वाध्याय
6 देवपूजन
7 बलिवैश्र्वदेव
8 अतिथिसेवा
9 श्राद्ध-तर्पण
इनके करने से सुख की प्राप्ति होती है मन को शांति मिलती है
मेरा नाम ओमप्रकाश शर्मा है पोस्ट अच्छा लगा हो तो शेयर जरूर कर दे धन्यवाद